Tuesday, July 21, 2009

खूबसूरती बढ़ाने में कंडोम का प्रयोग


आप मानें या न मानें, लेकिन भूटान की महिलाओं का मानना है कि कंडोम से उनके चेहरे की खूबसूरती में इजाफा हो रहा है और वे आंखों के नीचे के काले घेरे मिटाने के लिए कंडोम का इस्तेमाल कर रही हैं।

भूटान में इन दिनों बड़ी संख्या में महिलाएं आंखों के नीचे के काले घेरों को हटाने और फेशियल के लिए कंडोम का उपयोग कर रही हैं। राजधानी में दवाइयों की दुकान चलाने वाली कर्मा देम ने बताया कि महिलाएं उनके पास कंडोम खरीदने आ रही हैं। वे कहती हैं कि इससे न केवल आंखों के नीचे के काले घेरे मिटते हैं, बल्कि गर्भवती महिलाओं के चेहरे के दाग भी हट जाते हैं। एक अन्य दवा विक्रेता झरना के अनुसार महिलाओं का कहना है कि कंडोम रूखी त्वचा को निखारने और झाइयों को दूर करने में काम आता है। महिला खरीदारों की संख्या में इजाफा हो रहा है, शायद इसलिए क्योंकि उनका मानना है कि इसका कास्मेटिक के तौर पर भी लाभ है।

लेकिन डाक्टर इस विचार से सहमत नहीं हैं। त्वचा रोग विशेषज्ञ पेमा रिंजिन कहती हैं कि कंडोम का तथाकथित लाभ एक भ्रांति है। रिंजिन ने कहा कि उसमें ऐसा कुछ भी नहीं है जो त्वचा में निखार लाए। कंडोम में उपयोग होने वाले लुब्रिकेंट सामान्य होते हैं। अगर उनका कास्मेटिक के तौर पर लाभ है, तो उसे उसी तरह से बेचा जाना चाहिए। एक अन्य चिकित्सक ने कहा कि शोध से पता चला है कि कंडोम लुब्रिकेंट में बेंजीन होता है, जो बहुत ज्यादा मात्रा में उपयोग करने पर हानिकारक साबित हो सकता है। महिलाओं के इतर भूटान का जुलाहा वर्ग भी कंडोम का धड़ल्ले से उपयोग कर रहा है। जुलाहों का मानना है कि यह धागों की सख्ती दूर करने में सहायक है। एक जुलाहे ने दावा किया कि मैं कंडोम को ठंड के दौरान उपयोग करता हूं जब धागे बहुत सख्त हो जाते हैं और उनसे काम करना मुश्किल होता है। सरकारी बुनाई केंद्र की एक कर्मचारी फुंतशो ने बताया कि उसने एक बार धागों पर कंडोम का उपयोग किया। उसने कहा कि वह आगे भी उसका उपयोग कर सकती है, अगर कोई उसे कंडोम ला दे तो। उसने कहा कि मैं बाहर जाकर उसे खरीद नहीं सकती। मैं दवा विक्रेता को कैसे बताउूंगी कि मुझे उसका क्या उपयोग करना है, कोई मेरा विश्वास नहीं करेगा। कंडोम के लुब्रिकेंट को लूम पर लगाया जाता है, ताकि धागे उस पर आसानी से चल सकें।


-- kandom

Monday, July 13, 2009

भिखारी के बैंक खाते में 14 लाख






जितना धन लोग अच्छी खासी नौकरी करने के बाद नहीं जुटा पाते, उतना एक भिखारी ने भीख मांग कर इकट्ठा किया है। यकीन नहीं होगा कि तमिलनाडु के एक भिखारी ने भीख मांग कर करीब 14 लाख रुपये जोड़ लिए हैं।

तूतीकोरिन के 70 साल के बीमार भिखारी अब्दुल घली के बैंक में 80 हजार रुपये नकद के साथ 13 लाख रुपये की संपत्ति जमा है। यह बात तब पता चली जब इस हफ्ते की शुरुआत में कोझीकोड के स्थानीय लोगों ने शक होने पर घली के सामान की तलाशी ली। इसके बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया।

पुलिस ने बताया कि इससे पहले 2004 में घली को गिरफ्तार कर तमिलनाडु स्थित उसके घर भेजा गया था। उसकी पत्‍‌नी सरकारी अस्पताल में नर्स है और बेटा साफ्टवेयर इंजीनियर। तब उसके बैंक में एक लाख रुपये के इंदिरा विकास पत्र के साथ साढे़ चार लाख रुपये जमा थे। घली घर में टिका नहीं और कुछ ही दिन बाद दोबारा केरल लौट आया। पुलिस ने बताया कि इन पांच सालों में उसकी कमाई लगभग तिगुनी हो गई। हालांकि घली का कहना है कि उसने तीस साल में इतनी संपत्ति जोड़ी है।

मीडिया में आई इन खबरों के बाद घली के बेटे, जो चेन्नई में साफ्टवेयर इंजीनियर हैं, ने केरल के अधिकारियों से संपर्क साधा और पिता को घर ले गए।

बीते सप्ताह घली कोझिकोड के एक शहर कुट्टिकाटुर की जमात मस्जिद में था। उस पर रहम खाकर मस्जिद के कर्मचारियों ने उसे खाना और सोने के लिए जगह दे दी। अगले दिन घली ने मस्जिद के अधिकारियों से एर्नाकुलम जिले के मुदुक्कल स्थित मस्जिद में जाने की इच्छा जाहिर की। उसकी यह इच्छा पूरी करने के लिए स्थानीय लोगों ने दस हजार रुपये जुटा कर उसे दिए और जाने के लिए एक जीप का भी बंदोबस्त किया। घली एर्नाकुलम गया और उसी दिन लौट भी आया। इस पर स्थानीय लोगों ने उससे सवाल किए। शक होने पर कुछ लोगों ने उसके समान की तलाशी ली। तभी लोगों को इस अमीर भिखारी के बारे में पता चला।