Tuesday, April 21, 2009

लाख दवाओं की एक दवा है बथुआ


बथुआ हरा शाक है जो नाइट्रोजन युक्त मिट्टी में फलता-फूलता है। सदियों से इसका उपयोग कई बीमारियों को दूर करने में होता रहा है। एशिया समेत यह अमेरिका, यूरोप और आस्ट्रेलिया में पाया जाता है। सेहत के लिए यह कई मायनों में फायदेमंद है। कैसे? डालते हैं एक नजर..

1- बालों को बनाए सेहतमंद

बालों का ओरिजनल कलर बनाए रखने में बथुआ आंवले से कम गुणकारी नहीं है। सच पूछिए तो इसमें विटामिन और खनिज तत्वों की मात्रा आंवले से ज्यादा होती है। इसमें आयरन, फास्फोरस और विटामिन ए व डी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।

2- दांतों की समस्या में असरदार

बथुए की पत्तियों को कच्चा चबाने से मुंह का अल्सर, श्वास की दुर्गध, पायरिया और दांतों से जुड़ी अन्य समस्याओं में बड़ा फायदा होता है।

3-कब्ज को करे दूर

कब्ज से राहत दिलाने में बथुआ बेहद कारगर है। ठिया, लकवा, गैस की समस्या आदि में भी यह अत्यंत लाभप्रद है।

4-बढ़ाता है पाचन शक्ति

भूख में कमी आना, भोजन देर से पचना, खट्टी डकार आना, पेट फूलना जैसी मुश्किलें दूर करने के लिए लगातार कुछ सप्ताह तक बथुआ खाना काफी फायदेमंद रहता है।

5-बवासीर की समस्या से दिलाए निजात

सुबह शाम बथुआ खाने से बवासीर में काफी लाभ मिलता है। तिल्ली [प्लीहा] बढ़ने पर काली मिर्च और सेंधा नमक के साथ उबला हुआ बथुआ लें। धीरे-धीरे तिल्ली घट जाएगी।

6-नष्ट करता है पेट के कीड़े

बच्चों को कुछ दिनों तक लगातार बथुआ खिलाया जाए तो उनके पेट के कीड़े मर जाते हैं

है ना काम की चीज .........



Wednesday, April 15, 2009

अब ऊंटनी के दूध से बनेंगे.............


अब ऊंटनी के दूध से बनेंगे गुलाब जामुन


मीठा खाने वालों के लिए खुशखबरी है। अब ऊंटनी के दूध से गुलाब जामुन तैयार किए जाएंगे।

राजस्थान के राष्ट्रीय ऊंट अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों ने पहली बार ऊंटनी के दूध से मावा बनाने में सफलता हासिल की है। केंद्र के निदेशक डा. केएमएल पाठक ने बताया कि ऊंटनी के एक किलो दूध से करीब दो सौ ग्राम मावा तैयार किया जाता है। प्रयोग के तौर पर पांच किलो दूध से मावा तैयार किया गया है।

उन्होंने बताया कि इस मावे से गुलाब जामुन बनाने के प्रयास चल रहे हैं। इस संबंध में एक विदेशी कंपनी से बातचीत चल रही है। डा. पाठक के अनुसार ऊंटनी के दूध से क्रीम का उत्पादन और पाउडर बनाने की प्रक्रिया हरियाणा के करनाल में चल रही है। पाउडर बनने पर चाकलेट तैयार की जाएगी। केंद्र के वैज्ञानिकों द्वारा ऊंटनी के दूध से बनी कुल्फी लोगों ने पसंद की है।

Monday, April 13, 2009

पिटारी में से कुछ काम की बात..........


चलिए.....आज आपको दादी माँ / नानी माँ के नुक्से की पिटारी में से कुछ काम की बात बताते है.




आर्थराइटिस का दर्द हो या बालों के टूटने, झड़ने की समस्या। भारत में सदियों से दालचीनी और शहद के मिश्रण का इस्तेमाल होता चला आ रहा है। हकीम और वैद्य तो इसे लाख दवाओं की एक दवा बताते हैं। खास बात यह है कि इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। यानी आप ऐलोपैथिक दवाओं के साथ भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। और क्या हैं इस जादुई मिश्रण के फायदे और कब कर सकते हैं, डालते हैं एक नजर..

1- दूर करे आर्थराइटिस का दर्द

आर्थराइटिस का दर्द दूर भगाने में शहद और दालचीनी का मिश्रण बड़ा कारगर है। एक चम्मच दालचीनी पाउडर लें। इसे दो तिहाई पानी और एक तिहाई शहद में मिला लें। इस लेप को दर्द वाली जगह परर लगाएं। 15 मिनट में आपका दर्द फुर्र हो जाएगा।

2- रोके बालों का झड़ना

गंजेपन या बालों के गिरने की समस्या बेहद आम है। इससे छुटकारा पाने के लिए गरम जैतून के तेल में एक चम्मच शहद और एक चम्मच दालचीनी पाउडर का पेस्ट बनाएं। नहाने से पहले इस पेस्ट को सिर पर लगा लें। 15 मिनट बाद बाल गरम पानी से धुल लें।

3- दांत दर्द में पहुंचाए राहत

एक चम्मच दालचीनी पाउडर और पांच चम्मच शहद मिलाकर बनाए गए पेस्ट को दांत के दर्द वाली जगह पर लगाने से फौरन राहत मिलती है।

4- घटाता है कोलेस्ट्राल

करीब आधा लीटर चाय में तीन चम्मच शहद और तीन चम्मच दालचीनी मिलाकर पीएं। दो घंटे के भीतर रक्त में कोलेस्ट्राल का स्तर 10 फीसदी तक घट जाता है।

5- सर्दी जुकाम की करे छुट्टी

सर्दी जुकाम हो तो एक चम्मच शहद में एक चौथाई चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर दिन में तीन बार खाएं। पुराने कफ और सर्दी में भी राहत मिलेगी।

6- बढ़ाए वीर्य की गुणवत्ता

सदियों से यूनानी और आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में वीर्य की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए शहद का इस्तेमाल होता रहा है। वैद्य पुरुषों को सोने से पहले दो चम्मच शहद खाने की सलाह देते हैं। ऐसी महिलाएं जो गर्भधारण नहीं कर पाती हैं उन्हें एक चम्मच शहद में चुटकी भर दालचीनी पाउडर मिलाकर मसूढ़ों पर लगाने के लिए कहा जाता है।

7- भगाए पेट का दर्द

शहद के साथ दालचीनी पाउडर लेने पर पेट के दर्द से राहत मिलती है। ऐसे लोग जिन्हें गैस की समस्या है उन्हें शहद और दालचीनी पाउडर बराबर मात्रा में मिलाकर सेवन करना चाहिए।

8-मजबूत करे प्रतिरक्षा तंत्र

रोजाना शहद और दालचीनी पाउडर का सेवन करने से प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत होता है और आप वाइरस या बैक्टीरिया के संक्रमण से भी बचे रहते हैं। वैज्ञानिकों ने पाया है कि शहद में कई तरह के विटामिंस और प्रचुर मात्रा में आयरन पाया जाता है, जो आपकी सेहत के लिए बेहद जरूरी हैं।

9-बढ़ाए आयु

पुराने समय में लोग लंबी आयु के लिए चाय में शहद और चालचीनी पाउडर मिलाकर पीते थे। इस तरह की चाय बनाने के लिए तीन कप पानी में चार चम्मच शहद और एक चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाया जाता था। इसे रोजाना तीन बार आधा कप पीने की सलाह दी जाती थी। इस तरह से बनी चाय त्वचा को साफ्ट और फ्रेश रखने में मदद करती है।

10- घटाए वजन

चलिए ....अब बात करे मोटापे की .......

खाली पेट रोजाना सुबह एक कप गरम पानी में शहद और दालचीनी पाउडर मिलाकर पीने से फैट कम होता है। यदि इसका सेवन रोजाना किया जाए तो मोटे से मोटे व्यक्ति का वजन भी घटना शुरू हो जाता है।

इस विषय पर अगर आपके पास भी कुछ नुक्शे हो तो अवश्य बताये ..
आप का स्वागत है.

Wednesday, April 8, 2009

बाप रे .......इतने छेद


बाप रे .......इतने छेद ......जरा गिनना भाई कितने है.


शरीर में एक सुई भी चुभ जाए तो कितनी तकलीफ होती है। लेकिन शरीर छिदवाना 27 वर्षीय एलेन डेविड्सन का प्रिय शगल है। एलेन फिलहाल स्काटलैंड के एडिनबरा में रहती हैं। अब तक अपने शरीर को 6,005 बार छिदवा चुकी एलेन गिनीज बुक आफ व‌र्ल्ड रिका‌र्ड्स में नाम शामिल करवाने की तैयारी में हैं। लेकिन आश्चर्य इस बात का है कि डेविड्सन को शरीर छिदवाना पसंद नहीं है।

ब्राजील में पैदा हुई एलेन एक नर्स हैं। 2000 में उनके शरीर पर 462 छेद थे। इनमें 192 उनके चेहरे पर थे। नौ साल बाद एलेन के शरीर पर छह हजार छेद हो चुके हैं जिनमें से पंद्रह सौ से ज्यादा छेद अंतरंग हिस्से में हैं। एलेन के मुताबिक किसी भी रिकार्ड को तोड़ना एक असीम खुशी देता है। हालांकि मेरे परिवार को न टैटू पसंद हैं और न शरीर छिदवाना। लेकिन इसके बावजूद मैं खुश हूं। मैंने तय किया था कि मैं खुद को बदल लूंगी और यह मैंने कर दिखाया।

हालांकि डाक्टरों का कहना है कि ज्यादा शरीर छिदवाना जानलेवा भी हो सकता है। वहीं एक सुई के इस्तेमाल के कारण हेपेटाइटिस व एड्स जैसी घातक बीमारियां का खतरा भी बढ़ जाता है।

Thursday, April 2, 2009

पेशाब की जलन

ककड़ी तेरा क्या कहना
ककड़ी गुणों का भंडार है। यह शीतल व पाचक है। ककड़ी खाने से पेशाब खुलकर लगती है। गर्मी के दिनों यह लू से बचाव में सहायक है। ककड़ी के बीजों में स्टार्च, तेल, शर्करा और राल पाए जाते है। ककड़ी में क्षारीय तत्व भी पाए जाते है, जो मूत्र संस्थान की कार्यप्रणाली के सुचारु रूप से संचालन में सहायक हैं। ककड़ी पेशाब की जलन को दूर करने में सहायक है। बदहजमी की स्थिति में ककड़ी के 8 से 10 बीजों का मट्ठे के साथ सेवन करने से राहत मिलती है। ककड़ी खाने केबाद 20 मिनट तक पानी न पिएं।