Friday, May 15, 2009

पर इंसान है ये जूजू.........


इन दिनों दुनिया भर में उनकी धूम मची है। टीवी देखने वाले ही नहीं, बल्कि सायबर व‌र्ल्ड के लोग भी उनके मुरीद हो गए हैं।

उनकी लोकप्रियता 44 साल पहले महान फिल्मकार सत्यजीत रे के बौने किरदार 'आंग' से भी आगे निकल गई है। 'आंग' से प्रेरित होकर हालीवुड के विख्यात निर्देशक स्टीवन स्पीलबर्ग ने 1982 में फिल्म ई.टी. [द एक्सट्रा टेरेस्टियल] बनाई। अब इनकी प्रेरणा से आगे कल्पनाशीलता का कौन सा रूप दिखेगा, कहा नहीं जा सकता। हम बात कर रहे हैं जूजू की। वही जूजू जो एक फोन कंपनी की विज्ञापन फिल्म का किरदार बन कर हर दिल पर राज कर रहा है।

अंडाकार सिर वाला ठिगना सा जूजू दिखने में किसी दूसरे ग्रह का प्राणी लगता है। उसके तीस अवतार हैं। अपने हर अवतार में वह अलग-अलग और प्यारी हरकतों से लोगों तक बखूबी संदेश पहुंचाता है।

जूजू को कैमरे व तकनीक के कमाल से इस अंदाज में पेश किया गया है कि वे लोगों को एनिमेटेड कार्टून होने का अहसास कराते हैं। पर सच यह है कि ये सभी अफ्रीकी महिलाएं हैं। इनमें से ज्यादातर बेले डांसर या रंगमंच कलाकार हैं इन्हें लेकर दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन में ही दस दिन तक शूटिंग की गई और अलग-अलग विज्ञापन फिल्म बनाई गई। इन्हें खास तौर से आईपीएल क्रिकेट मैचों के दौरान दिखाने के लिए बनाया गया।

ऐसे बना जूजू

जूजू को किरदार के रूप में पेश करने वाले विज्ञापन फिल्म निर्देशक प्रकाश वर्मा कहते हैं कि यह आसान नहीं था। उनके मुताबिक जूजू की चाल और हाव-भाव तय करना सबसे ज्यादा बड़ी चुनौती थी और यह तय करने में तीन हफ्ते लग गए। यह फिल्म बनाने के लिए 25 लोगों की टीम ने काफी कड़ी मेहनत की।

प्रकाश बताते हैं कि जूजू को पहनाए जाने वाले कपड़े को भी लेकर समस्या थी। ऐसा कपड़ा चुना गया जिसे पहन कर चलने पर कपड़ों में जरा भी संकुचन नहीं दिखाई दे। कपड़ों को दो हिस्सों में बांटा गया। शरीर में अलग कपड़ा पहनाया गया और सिर में अलग से कपड़ा पहनाया गया। शरीर वाले हिस्से में फोम भी भर दिया गया, ताकि कपड़े में संकुचन नहीं दिखे। वर्मा बताते हैं कि सिर को आम इंसान के सिर से बड़ा दिखाने के लिए पर्सपेक्स नाम की एक चीज इस्तेमाल की गई। जूजू के हाथ-पांव पतले दिखाने थे, इसीलिए सभी महिला कलाकारों को ही लिया गया।

जूजू का जादू

जूजू का जादू ऐसा चला कि सायबर व‌र्ल्ड में सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पर उसके नाम से ग्रुप तक बन गए। फेसबुक पर ऐसे ही एक ग्रुप के 65 हजार से ज्यादा सदस्य हैं। विज्ञापन फिल्म के किसी किरदार के लिए इतनी बड़ी संख्या में लोगों का जुड़ना किसी आश्चर्य से कम नहीं। वैसे तो जूजू हर जगह है-टीवी पर, होर्डिग्स में, आईपीएल में..।

सायबर व‌र्ल्ड में भी उसकी जबर्दस्त मौजूदगी है। यू ट्यूब वेबसाइट पर उसे हजारों लोग रोज देखते हैं। गूगल की वेबसाइट पर जूजू नाम से सर्च करने पर करीब 9.50 लाख पेज खुलते हैं। जूजू की यह लोकप्रियता विज्ञापन और फिल्मों के क्षेत्र में एक नया अध्याय भी जोड़ सकती है।


2 comments:

  1. राजीव जी, क्या बात है!!...आज तो आपके रूप-रंग ही बदले हुए हैं!..हम तो यही सोच रहे थे कि कहीं किसी दूसरे के ब्लाग पर तो नहीं आ गए......टैम्पलेट बढिया चुना आपने....

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  2. इसके बारे मे पहली बार सुना है ।

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