Friday, March 5, 2010

पाकिस्तान में होली नहीं मनाते हिंदू

पाकिस्तान में होली नहीं मनाते हिंदू

पाकिस्तान में रहने वाले अधिकांश हिंदू होली नहीं मनाते हैं। यहीं नहीं, पहचान छुपाने के लिए उन्होंने अपने मुस्लिम नाम रख लिए हैं। पाकिस्तान में ज्यादातर हिंदू व्यवसायी सिंध प्रांत से आते हैं।




यहां सुपर मार्केट में हस्तशिल्प की एक दुकान के मालिक गिरीश के दो नाम हैं। मुस्लिम नाम वे अपने ग्राहकों जबकि असल नाम करीबियों को बताते हैं। पिछले साल सुपर मार्केट में उन्होंने होली मिलन समारोह का आयोजन करके नियमों का उल्लंघन किया था। उन्होंने दुकान के बाहर गुलाल से होली खेली थी। लेकिन इस बार उनकी रंग खेलने की कोई योजना नहीं है।



यह सिर्फ एक बानगी हैं। उनके जैसे तमाम लोग अपनी पहचान को छुपाकर रखना चाहते हैं। मशहूर हैंडीक्राफ्ट शाप महारानी के मालिक कुमार ने कहा, 'हम दो ईद मनाते हैं। पहली दीवाली, दूसरा होली। हम दोनों त्योहारों को कराची में मनाते हैं।' वे कहते हैं कि हमें किसी ने धमकी नहीं दी है। लेकिन हम लोगों को बताना नहीं चाहते कि हम हिंदू हैं।' वह बताते हैं कि होली के रंग अबपारा बाजार में उपलब्ध हैं। इन्हें घर पर या हर साल की तरह रावलपिंडी के मंदिरों में जाकर खेला जा सकता है।



होली के अलावा हिंदुओं का प्रमुख त्योहार दीवाली भी यहां नहीं मनाया जाता। कुमार बताते हैं हम दीवाली पर सिंध जाते हैं। हालांकि पिछले कुछ सालों से ऐसा नहीं हो पा रहा है क्योंकि दीवाली और रमजान के त्योहार आसपास पड़ रहे हैं। यह हमारे व्यापार का सर्वोत्ताम समय होता है। ऐसे समय में हम दुकान बंद नहीं कर सकते। वह बताते हैं सुरक्षा कारणों से इस्लामाबाद में पटाखे नहीं बेचे जाते। पिछले साल बाजार में पटाखा छोड़ने के आरोप में कुमार के एक दोस्त को गिरफ्तार कर लिया गया था। पुलिस वालों को दीवाली के बारे में बताने पर उन्होंने उसे रिहा किया।

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