Friday, June 17, 2011

विदाई के समय तिलक क्यों लगाते हैं?




हिन्दू धर्म में किसी भी तरह का पूजन करते समय मस्तक पर तिलक जरूर लगाया जाता है। माना जाता है कि बिना तिलक लगाए पूजा करने पर पूजा का पूरा फल नहीं मिलता। लेकिन सिर्फ पूजन के समय ही तिलक नहीं किया जाता है बल्कि तिलक हमारी भारतीय संस्कृ़ति का भी एक अभिन्न अंग है।




इसीलिए हमारे यहां जब किसी का स्वागत किया जाता है , शादी ब्याह में कोई रस्म निभाई जाती है या किसी कि विदाई की जाती है तो भी मेहमानों को तिलक लगाकर ही विदा किया जाता है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि विदाई के समय तिलक क्यों लगाया जाता है? दरअसल तिलक को हमारी सभ्यता में सम्मान का प्रतीक माना गया है।



इसके अलावा इसे विजय का प्रतीक भी माना जाता है। इसीलिए प्राचीन समय से ही जब हमारे यहां कोई युद्ध के लिए जाता था। तब उसे तिलक लगाकर ही विदा किया जाता था ताकि जब वो लौटे तो विजय प्राप्त करके लौटे। ऐसे में तिलक करने वाले की सकारात्मक भावना या दुआएं विदाई लेने वाले के साथ रहती है और उसे अपने लक्ष्य तक पहुंचने में सहायता करती है। साथ ही तिलक लगाने से एकाग्रता और आत्मविश्वास बढ़ता है क्योंकि तिलक लगाने से आज्ञा चक्र जागृत होता है। साथ ही मस्तिष्क को शीतलता भी मिलती है।





1 comment:

  1. और पोस्ट क्यों नहीं आ रहे हैं जी.. इंतज़ार रहेगा..

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