Monday, July 13, 2009

भिखारी के बैंक खाते में 14 लाख






जितना धन लोग अच्छी खासी नौकरी करने के बाद नहीं जुटा पाते, उतना एक भिखारी ने भीख मांग कर इकट्ठा किया है। यकीन नहीं होगा कि तमिलनाडु के एक भिखारी ने भीख मांग कर करीब 14 लाख रुपये जोड़ लिए हैं।

तूतीकोरिन के 70 साल के बीमार भिखारी अब्दुल घली के बैंक में 80 हजार रुपये नकद के साथ 13 लाख रुपये की संपत्ति जमा है। यह बात तब पता चली जब इस हफ्ते की शुरुआत में कोझीकोड के स्थानीय लोगों ने शक होने पर घली के सामान की तलाशी ली। इसके बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया।

पुलिस ने बताया कि इससे पहले 2004 में घली को गिरफ्तार कर तमिलनाडु स्थित उसके घर भेजा गया था। उसकी पत्‍‌नी सरकारी अस्पताल में नर्स है और बेटा साफ्टवेयर इंजीनियर। तब उसके बैंक में एक लाख रुपये के इंदिरा विकास पत्र के साथ साढे़ चार लाख रुपये जमा थे। घली घर में टिका नहीं और कुछ ही दिन बाद दोबारा केरल लौट आया। पुलिस ने बताया कि इन पांच सालों में उसकी कमाई लगभग तिगुनी हो गई। हालांकि घली का कहना है कि उसने तीस साल में इतनी संपत्ति जोड़ी है।

मीडिया में आई इन खबरों के बाद घली के बेटे, जो चेन्नई में साफ्टवेयर इंजीनियर हैं, ने केरल के अधिकारियों से संपर्क साधा और पिता को घर ले गए।

बीते सप्ताह घली कोझिकोड के एक शहर कुट्टिकाटुर की जमात मस्जिद में था। उस पर रहम खाकर मस्जिद के कर्मचारियों ने उसे खाना और सोने के लिए जगह दे दी। अगले दिन घली ने मस्जिद के अधिकारियों से एर्नाकुलम जिले के मुदुक्कल स्थित मस्जिद में जाने की इच्छा जाहिर की। उसकी यह इच्छा पूरी करने के लिए स्थानीय लोगों ने दस हजार रुपये जुटा कर उसे दिए और जाने के लिए एक जीप का भी बंदोबस्त किया। घली एर्नाकुलम गया और उसी दिन लौट भी आया। इस पर स्थानीय लोगों ने उससे सवाल किए। शक होने पर कुछ लोगों ने उसके समान की तलाशी ली। तभी लोगों को इस अमीर भिखारी के बारे में पता चला।

5 comments:

  1. बहुत रोचक खबर लाये है । वैसे देखा जाये तो पैसा अगर खर्च ना किया जाये तो इतनी रकम कोई भी सधारण आदमी जमा कर सकता है । भिखारी को तो खाना कपडा रहना सब मिलता है। एक्स्ट्रा खर्चा कुछ होता ही नही है ।

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  2. हर शहर के भिखारियों की मौज है .. हमारे देश में इतने दानी जो मौजूद हैं .. मंदी में भी इनके धंधे पर कोई प्रभाव नहीं पडनेवाला ।

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  3. भई महेश्वरी जी, बेचारे नें इतनी मेहनत से पाई-पाई जोडकर ये पैसे इक्कठे किए हैं। मेहनत ही की है न, कोई चोरी तो नहीं की:)।
    इसी विषय में एक पोस्ट "मुम्बई के मालदार भिखारी" कुछ समय पहले हमने भी लिखी थी। समय मिले तो एक बार जरा देख लें।
    http://bakwaashibakwaas.blogspot.com/2009/01/blog-post_23.html

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  4. Mumbaee ke bhikharee to roz kisee rishtedaar ke liye yaa to kafan ke paise maangate hain, yaa phir antim vidhi ke lieye....gar poochho,ki, chalo dikha do,kahan laash padee hai,to kah dete hai,'aage khisko....nahee dena to mat do"!

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