Friday, June 5, 2009

क्या आप जानते है ???????


समाज में प्रचलित कुछ बाते एसी होती है जो सुनने में तो मामूली लगती है किन्तु महत्त्वपूर्ण होती है. इन बातों का वास्तु की द्रिस्टी से बहुत महत्व है.इन बातों का ध्यान रखकर आने वाली अनेक बाधाओं एव बीमारियों से बचा जा सकता है .एसी ही कुछ बातों को यहाँ बता रहा हुं.

. पूजा हमेशा पूर्व या उत्तर में मुँह करके करनी चाहिए तथा यथासंभव सुबह ६ से ८ के बिच में करनी चाहिए .

२.पूजा हमेशा ज़मीन पर आसन बिछा कर ,उस पर ही बेथ कर करनी चाहिए .चौकी या खाट(पलंग) पर नहीं करनी चाहिए .

३.वास्तु के अनुसार नहाना ,खाना ,या
टेलीफ़ोन आदि करते समय हमेशा उत्तर या पूर्व की दिशा की तरफ ही मुँह करके करना चाहिए .

४.नहाते समय या सोते समय जब कपड़ों को शरीर पर से उत्तर कर रखा जाता है तो कभी भी कपड़े उल्टा करके नहीं छोड़ना चाहिये .


५.मुख्य दरवाज़े के सामने ,अंदर या बाहर कोई भी ऐसा सामान नहीं रखना चाहिए जिससे अवरोध खड़ा होता हो.


६.रात को खाना खाने के बाद कम से कम एक घंटे तक जगे रहना चाहिए तथा खाना खाते वक्त बात भी कम करनी चाहिए .


७. सुबह पलग से उठते समय हमेशा दाया पाव फर्श पर रखना चाहिए .घर से निकलते समय पहला कदम बायें पाव से ही आगे बडाना चाहिए.


८.हमेशा पूर्व या दछिन में सर रखकर सोना चाहिए .पत्नी को हमेशा पति की बायीं तरफ ही सोना चाहिए .इससे दोनों में प्यार बना रहता है.


९.खाना खाने के बाद लघुशंका करना ,स्वास्थ्य के लिए उत्तम होता है.


१०.रात में घर में झाड़ू नहीं लगाना चाहिये.अगर लगाना अनिवार्य ही हो तो कचरे को बाहर ना फेककर एक कोने में ही लगा देना चाहिये .

अगली पोस्ट में "वास्तु दोष निवारण हेतु कुछ सरल उपाए व धार्मिक प्रयोग "

2 comments:

  1. छोटी मगर बहुत ही काम की जानकारी है ।

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  2. पुरातन काल में हमारा सामाजिक ढांचा इतना उन्नत था की आप जो भी बात बता रहे है इन सभी में वैज्ञानिक तर्क है कुछ के बारे में मैंने पढ़ा हुआ है बाकी ये भी सच है की समय के साथ साथ कुछ कुरीतियाँ भी इनके साथ चिपक गई हैं और यही आज हम नहीं समझ पते की क्या तर्क सांगत है और क्या कुरीति
    वीनस केसरी

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