Friday, November 14, 2008


हिमयुग से भी भीषण बर्फ जमेगी धरती पर



ओस्लो। बढ़ते वैश्विक तापमान के कारण भविष्य में मौसम में इस क दर क्रांतिकारी बदलाव हो सकता है कि धरती पर हिमयुग से भी भीषण बर्फ जम जाएगी।

कनाडा स्थित टोरंटो विश्वविद्यालय और ब्रिटिश वैज्ञानिकों का मानना है कि ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन के कारण धरती के तापमान में बढ़ोतरी होगी और इसके परिणामस्वरूप धरती पर नए हिमयुग की शुरुआत हो सकती है।

उल्लेखनीय है कि पृथ्वी के उद्भव के शुरुआती दस हजार साल तक हिमयुग था जिसमें पूरे ग्रह पर हर जगह बर्फ ही जमी थी। शोधकर्ता थामस क्रावली के अनुसार अगला हिमयुग पुराने हिमयुग की तुलना में ज्यादा भीषण होगा। समुद्री जीवाश्मों और पृथ्वी की कक्षा में परिवर्तन पर आधारित शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में फिलहाल रोकथाम की कोई उम्मीद नहीं दिखती, इसलिए ग्लोबल वार्मिग की आशंका निरंतर बढ़ती ही जा रही है। डा.क्रावली ने बताया कि पहले धरती पर तापमान बढे़गा और लंबे समय के बाद इसका परिणाम तापमान में अचानक गिरावट के रूप में देखने को मिल सकती है।

हिमयुग क्या है?

सामान्य तौर पर हिमयुग या संक्षेप में कहें तो 'ग्लैशियल एज' भू-विज्ञान की शब्दावली में एक काल खंड है। एक ऐसा कालखंड जिसमें धरती की सतह और वायुमंडल के तापमान में लंबे समय तक गिरावट आती है। इसकी वजह से धरती पर हर कहीं बर्फ की चादर फैल जाती है। अगर सबसे ताजा हिम युग की बात करें तो यह मात्र ख्0 हजार साल पहले समाप्त हुआ था। इस युग में उत्तरी अमेरिका और यूरोप और एशिया के कुछ भाग बर्फ चादर से ढक गए थे।

उल्लेखनीय हिमयुग

माना जाता है कि पृथ्वी पर इसके पहले कम से कम चार हिमयुग आ चुके हैं।

-सबसे पहला हिमयुग हूरोनियन काल के नाम से जाना जाता है। यह करीब ख्.7 से ख्.फ् अरब साल पहले आया था।

-दूसरे हिमयुग को क्रायोजेनियन काल के नाम से जाना जाता है। यह एक अरब वर्षो का सबसे भीषण हिमयुग था। इसका कालखंड त्त.भ् करोड़ से म्.फ् करोड़ वर्ष के बीच माना जाता है।

-तीसरे हिमयुग को एंडियन-सहारन हिमयुग के नाम से जाना जाता है। इसका कालखंड ब्म् करोड़ से ब्फ् करोड़ साल पहले था।

-चौथा और अंतिम हिमयुग लगभग ख्भ्.त्त लाख वर्ष पहले शुरू हुआ था।

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