Wednesday, November 26, 2008

पुरुष ही हैं पसंदीदा बास

महिलाएं आज भले ही हर क्षेत्र में सफलता के नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हों, लेकिन यदि नेतृत्व की बात करें तो भारतीय जनमानस आज भी महिलाओं का तहेदिल से स्वागत करने को तैयार नहीं है। एक हालिया सर्वेक्षण की मानें तो आज भी बास के रूप में पुरुषों को ही पसंद किया जाता है।

स्टाफिंग कंपनी टीमलीज सर्विसेज ने यह सर्वेक्षण देश के आठ बड़े शहरों में किया है। सर्वेक्षण में शामिल 45 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे महिला के बजाय पुरुष बास को पसंद करेंगे, जबकि 24 प्रतिशत ने किसी महिला को अपने बास के रूप में बेहतर माना।

आईटी नगरी बेंगलूर की ही बात करें तो सर्वे में केवल 12 प्रतिशत ने ही महिला बास का पक्ष लिया, जबकि 48 प्रतिशत ने कहा कि पुरुष बास ही अच्छे हैं।

अहमदाबाद से सर्वे में शामिल होने वालों में से 40 प्रतिशत ने महिला बास का समर्थन किया। दिल्ली में 36 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि पुरुष बेहतर बास हो सकते हैं। यह अलग बात है कि चेन्नई एवं कोलकाता में बास के रूप में महिलाओं का समर्थन करने वाले अधिक रहे।

अहमदाबाद में शहर के कर्मचारियों में से 80 प्रतिशत का मानना है कि प्रशासन, लोक प्रबंधन तथा दक्षता के लिहाज से महिलाएं अपेक्षाकृत बेहतर होती हैं। कमोबेश ऐसी ही राय बेंगलूर से आई जहां 87 प्रतिशत प्रतिभागियों ने महिलाओं का समर्थन किया।

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