Thursday, February 26, 2009

बीयर की बोतलों से बनाया बौद्ध मंदिर !


बुद्धि और मस्तिष्क को विकार से बचाने के लिए बौद्ध धर्म में शराब वर्जित है। अब थाइलैंड के भिक्षुओं ने बुद्ध की शिक्षाओं पर खरा उतरते हुए एक नेक काम किया है। उन्होंने बेकार हो चुकी बीयर की बोतलों से एक बौद्ध मंदिर का निर्माण किया है।

यह मंदिर बैंकाक से 645 किमी दूर खुन हान कांप्लैक्स में है। मंदिर बनाने के लिए भिक्षुओं ने बीयर की 15 लाख खाली बोतलों का इस्तेमाल किया। मंदिर को टेंपल आफ मिलियन बाटल्स [दस लाख बोतलों वाला मंदिर] कहा जाता है। मंदिर की दीवारें, छत आदि बनाने में जहां बोतलों का प्रयोग हुआ है वहीं फर्श में बोतलों के ढक्कन का इस्तेमाल किया गया है। भिक्षुओं ने बेकार हो चुकी बोतलों से अन्य निर्माण की दरखास्त भी स्थानीय प्रशासन को भेजी है।

भिक्षु एबट सान काटाबून्यो ने बताया, जैसे-जैसे हमें बोतलों मिलती जाएंगी, हम दूसरे भवन भी बनाते जाएंगे। 1984 से बोतलें इकट्ठी कर रहे भिक्षु 10 लाख का आंकड़ा पार करने के बाद ही थमे। इस इको-फ्रेंडली मंदिर को साफ-सुथरा रखने में भी कोई खास परेशानी नहीं होती। एक पर्यटक के मुताबिक बौद्ध धर्म में शराब पीना पाप बताया गया है। वहीं बीयर की बोतलों से मंदिर बनाना सकारात्मक सोच को प्रदर्शित करता है

1 comment:

  1. प्रणाम
    सचमुच एक सकारात्मक सोच है .पाप से घृणा करो पापी से नहीं .

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