चैत्र मास की प्रतिपदा के दिन से ही नवरात्र, यानी देवी दुर्गा की पूजा शुरू हो जाती है। इस वर्ष यह तिथि 27 मार्च को है। यह त्योहार भारत भर में पूरे उल्लास के साथ मनाया जाता है। इसमें देवी दुर्गा यानी शक्ति के नौ रूपों की पूजा की जाती है।
शैलपुत्री : नवरात्र के पहले दिन शैलपुत्री की पूजा की जाती है। शैल का अर्थ पहाड़ होता है। धार्मिक कथाओं के अनुसार, पार्वती पहाड़ों के राजा हिमवान की पुत्री थीं, इसलिए उन्हें शैलपुत्री भी कहा जाता है। उनके एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में कमल का फूल है।
ब्रह्मचारिणी : देवी दुर्गा ने इस रूप में एक हाथ में जल-कलश धारण किया है, तो दूसरे हाथ में गुलाब की माला। ब्रह्मचारिणी को विद्या और बुद्धि की देवी माना जाता है। देवी रुद्राक्ष की माला धारण करना पसंद करती हैं।
चंद्रघंटा : नवरात्र के तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। देवी के इस रूप में दस हाथ और तीन आंखें हैं। आठ हाथों में शस्त्र हैं, तो दो हाथ भक्तों को आशीर्वाद देने की मुद्रा में हैं। देवी के इस रूप की पूजा कांचीपुरम में की जाती है।
कूष्मांडा : देवी का यह रूप बाघ पर सवार है। इनकी दस भुजाएं हैं, जिनमें न केवल शस्त्र, बल्कि फूल माला भी
सुसज्जित हैं।
स्कंदमाता : देवी इस रूप में बाघ पर सवार हैं और अपने पुत्र स्कंद को भी साथ लिए हुई हैं। इस मुद्रा में वे दुष्टों का संहार करने को आतुर दिखाई देती हैं। कहते हैं कि कवि कालीदास ने मेघदूत और रघुवंश महाकाव्य की रचना देवी स्कंदमाता के आशीर्वाद से ही की थी।
कात्यायनी : देवी दुर्गा ने ऋषि कात्यायन के आश्रम में तपस्या की थी, इसलिए उनका नाम कात्यायनी पड़ा।
कालरात्रि : नवरात्र पूजा के सातवें दिन देवी कालरात्रि की पूजा होती है। इस रूप में देवी गधे पर सवार हैं और उनके बाल बिखरे हुए हैं। यह देवी अज्ञानता के अंधकार को मिटाने वाली मानी जाती हैं। कलकत्ता में देवी कालरात्रि की सिद्धि-पीठ है।
महागौरी : गौर वर्ण वाली देवी सफेद साड़ी धारण किए हुई हैं। उनके चेहरे पर दया और क रु णा का भाव है। उनके हाथ में डमरू और त्रिशूल भी है। हरिद्वार के कनखल में महागौरी का ख्याति प्राप्त मंदिर है।
सिद्धिदात्री- देवी इस रूप में कमल पर सवार हैं। ऐसा माना जाता है कि देवी का यह रूप यदि भक्तों पर प्रसन्न हो जाता है, तो उसे 26 वरदान मिलते हैं। हिमालय के नंदा पर्वत पर सिद्धिदात्री का पवित्र तीर्थस्थान है।
बहुत ही अच्छी जानकारी प्रदान की है । नवरात्र के समय पर इस प्रकार कि जानकारी देकर आप अपने धार्मिक व्यक्तित्व का परिचय दे रहे है आभार ।
ReplyDeleteबहुत अच्छी जानकारी ,
ReplyDeleteजय माता की
aapke blog se achchhi jankari milli.
ReplyDeleteजय माता दी..
ReplyDelete