Wednesday, January 7, 2009

घर में घड़ी जरा सावधानी से लगये .....


अगर आप अपने घर में घडी जैसी समय सूचक वस्तु को व्यवस्थित करते समय वास्तुशास्त्र के इन सिद्धांतों का ध्यान रखेंगी तो यह आपके परिवार के लिए निश्चित रूप से फायदेमंद साबित होगा :

1. घडी को दीवार पर लगाने के लिए उत्तर, पूर्व एवं पश्चिम दिशा का ही चुनाव करें। कभी भी दक्षिण दिशा की दीवार पर घडी न लगाएं। यदि घडी दक्षिण दिशा की दीवार पर लगी होगी तो कार्य प्रारंभ करने से पहले व दिन में कई बार आपका ध्यान दक्षिण दिशा की ओर जाएगा। इस तरह आप बार-बार दक्षिण दिशा की ओर से आने वाली नकारात्मक ऊर्जा ही प्राप्त करती रहेंगी।

2. घडियों के प्रयोग में एक दूसरी विशेष सावधानी यह भी रखनी चाहिए कि किसी भी तरह की घडी चाहे वह टाइम पीस हो या फिर दीवार घडी इन्हें रात को सोते समय सिरहाने से थोडी दूरी पर ही रखें, क्योंकि रात के सन्नाटे में घडी की टिक-टिक से नींद में विघ्न पडेगा। साथ ही आजकल घडियां प्राय: इलेक्ट्रॉनिक सिद्धांत पर कार्य करती हैं और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से जो इलेक्ट्रो-मैग्नेनिटक रेडिएशन निकलते हैं वे मस्तिष्क व हृदय के आसपास एक नकारात्मक ऊर्जा क्षेत्र बना देते हैं। इसके प्रभाव में सोना या लेटना आपके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डाल सकता है।

3.यह ध्यान रखें कि घडी कभी भी किसी दरवाजे के ऊपर न हो क्योंकि हर बार दरवाजे से अंदर बाहर आते-जाते समय आपका आभामंडल इससे दुष्प्रभावित होगा। परिणामस्वरूप आप तनावग्रस्त हो सकते हैं। यहां तक कि ऐसे दरवाजे से बाहर निकलने के बाद भी मन खिन्न रहेगा।

4.इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि घर में मौजूद सभी घडियां सही ढंग से चलती रहें। कोई भी घडी बंद नहीं होनी चाहिए।

5. यह भी याद रखें कि कोई भी घडी अपने समय से पीछे न चले। हो सके तो अपनी घडी को सही समय से पांच-दस मिनट आगे ही रखें क्योंकि वक्त के साथ चलने में ही जीवन की गति, उन्नति व विकास का रहस्य छिपा है।

6. खराब घडी को शीघ्र ही ठीक करवाएं एवं बैटरी खराब होने पर उसे बदलवाती रहें।

7.आजकल कुछ घडियां हर एक घंटे के बाद संगीत या मधुर ध्वनियां उत्पन्न करती हैं। ऐसी घडियों को घर के ब्रह्म स्थान स्थित लॉबी में लगाएं। इससे सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है व परिवार के सभी सदस्यों के जीवन में उन्नति के नए अवसर प्राप्त होते हैं।

8. दीवार घडी पर धूल-मिट्टी जमा न होने दें। नियमित रूप से उसकी सफाई करती रहें।

9. यह ध्यान रखें कि किसी भी घडी का शीशा टूटा हुआ न हो। ऐसी टूटी हुई घडी को बदल देना चाहिए क्योंकि इसका परिवार के सदस्यों पर नकारात्मक प्रभाव पडता है।

10. सिर्फ घडी ही नहीं, बल्कि कैलेंडर जैसी समय सूचक वस्तु के संबंध में भी आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कैलेंडर फटा हुआ न हो, उस पर कोई अश्लील या हिंसक चित्र भी नहीं होना चाहिए। हर महीने कैलेंडरकी तारीख बदलती रहें और पुराना होते ही उसे हटा दें।

5 comments:

  1. बहुत बहुत धन्यवाद इस जानकारी के लिए.
    वास्तु सस्त्र किसी भी धरम जाती या मान्यता से परे है और इस सच्चाऐ को हम सब इग्नोर नही कर सकते.

    आपका दोस्त,
    अरुण तिवारी

    ReplyDelete
  2. अच्छी और लाभदायक जानकारी देती है आपकी पोस्ट. धन्यवाद.

    ReplyDelete
  3. बहुत अच्छी जानकारी दे आपने.. एक घड़ी भी इतना महत्वपूर्ण हो सकता है आज ही जाना | आपका बहुत बहुत आभार |

    ReplyDelete
  4. आज कल के इस कलिउग में दोस्त तुम जेस्सा शर्स्त्र बाला आदमी पहले कभी नही देखा , आप का ब्लॉग ने तो हर आदमी का अन्दर एक आम आदमी के आँखे खोल दे .

    ReplyDelete
  5. अच्छी और लाभदायक जानकारी देती है आपकी पोस्ट . आपका बहुत बहुत आभार |

    ReplyDelete