Wednesday, December 31, 2008

लिखिए संभलकर, खुल जाएंगे सारे राज!


हैंडराइटिंग के आधार पर लोगों का व्यक्तित्व व व्यवहार तय किया जा सकता है। ज्योतिष जिस तरह से विज्ञान पर आधारित है, उसी तरह ग्रैफोलॉजी भी एक साइंस है। आज की दौड़भाग वाली जिंदगी में हर शख्स अपने कैरियर को लेकर चिंतित है। सफलता पाने के लिए हर संभव प्रयास करने को तैयार है। ऐसे लोग हैंडराइटिंग में सुधार कर अपने लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं।

हैंडराइटिंग में ही सफलता का मंत्र छिपा होता है। यह दावा लिखावट विशेषज्ञ राजेश जौहरी का है। काशी ज्योतिष के लिए प्रसिद्ध है लेकिन इधर कुछ दिनों से भैरोनाथ निवासी राजेश अपनी विधा को लेकर काफी चर्चा में हैं। उन्होंने दस साल तक इस विज्ञान का अध्ययन किया। मुंबई में रहकर इस विधा को जाना व समझा। राजेश बताते हैं कि भारत में इस तरह के विशेषज्ञ 20 से ज्यादा नहीं हैं। विदेशों में हैंडराइटिंग के जानकारों की बहुत डिमाड है। विदेशों में कंपनिया अपने स्टाफ की नियुक्ति से पहले उसकी हैंडराइटिंग का अध्ययन कराती हैं। देखा जाता है कि कर्मचारी का व्यक्तित्व कंपनी के लिए कितना फायदेमंद होगा। उन्होंने बताया कि अंग्रेजी वर्णमाला के आधार पर ही विश्लेषण किया जाता है। अंग्रेजी कापी की तीन लाइन को आधार मानकर जानकारी दी जाती है। ऊपर की लाइन भविष्य, बीच की वर्तमान और नीचे की लाइन अतीतकाल को दर्शाती है। लिखावट में व्यक्ति अक्षरों को किस हिसाब से पेश करता है, वह उसके मूड व मानसिकता पर निर्भर करता है। एक जैसी लिखावट कोई आदमी दूसरी बार नहीं लिख पाता। एक शोध के आधार पर दावा किया कि एक हस्ताक्षर दूसरी बार वैसा ही नहीं हो सकता है। हर बार कुछ न कुछ बदलाव होगा। तकरीबन साढ़े तीन करोड़ बार लिखने के बाद वैसा हस्ताक्षर हो सकता है। सिग्नेचर यानी आपका नेचर, जिसमें सब कुछ शामिल रहता है। व्यक्ति के हर राइटिंग स्ट्रोक्स में कुछ न कुछ होता है। लिखावट से धैर्य, संतुलन व एकाग्रता झलकती है।

हस्ताक्षर के दौरान पूरा नाम लिखनेवाले काफी महत्वाकाक्षी होते हैं। अंग्रेजी के अक्षरों को ऊपर की ओर खींचकर लिखने वाले सकारात्मक सोच के माने जाते हैं। नीचे की ओर लिखना व्यक्ति के मन में हीनभावना को दर्शाता है। कुछ लोग छोटे अक्षरों में लिखते है यानी उनका हर कदम संभलकर होता है। ओवरराइटिंग से व्यक्ति के दुविधाग्रस्त मन की झलक मिलती है। मुंबई के आर्थर रोड जेल के अपराधियों पर किए गए शोध के आधार पर उन्होंने कहा कि सिर्फ सकारात्मक सोच के अभाव में लोग अपराधी बनते हैं। उनके पास भी कुछ लक्ष्य होते हैं लेकिन वह समाजहित में नहीं होता। जौहरी ने कहा कि अभिभावक व शिक्षक बच्चों को सुंदर हैंडराइटिंग के लिए अच्छे संस्कार भी दें। उन्होंने बताया कि इस साल ग्रीष्मावकाश में बच्चों के लिए शिविर लगाएंगे।

3 comments:

  1. बहुत सही जानकारी दे आपने .........

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  2. अच्छी जानकारी के लिए धन्यवाद

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  3. अरे वाह काफी सटीक जानकारी है :)

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