मुझे छुड़ाने की बजाय आतंकी को मार देना
मुंबई पर हुए आतंकी हमलों से बालीवुड के दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन, आमिर खान और शाहरुख खान काफी आहत हैं। इन दिग्गजों ने जनता के आक्रोश को जायज ठहराया है। अमिताभ ने जहां हमलों को लेकर उत्पन्न जनाक्रोश की तुलना एक ऐसे बांध से की है जो पूरी तरह से टूट गया है और उससे अनियंत्रित पानी लगातार बहता जा रहा है, वहीं आमिर खान का मानना है कि आतंकियों के साथ किसी तरह की सौदेबाजी नहीं की जानी चाहिए। साथ ही कहते हैं कि यदि मुझे आतंकी बंधक बना लें तो मुझे छुड़ाने के बजाय आतंकियों को मार देना, जबकि किंग खान शाहरुख का मानना है कि आतंकवाद को धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
अमिताभ ने अपने ब्लाग में लिखा है कि इन हमलों को लेकर देशवासी बहुत व्यथित और गुस्से में हैं। यह व्यथा और गुस्सा किसी न किसी रूप में लगातार जाहिर होता जा रहा है। उन्होंने लिखा है कि किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में निर्वाचित प्रतिनिधियों और देश को चलाने वाले प्रशासन की जरूरत होती है। आज जो हालात हैं, उनमें राजनीतिज्ञों और प्रशासक दोनों के लिए ही उदासीनता का भाव है। हर जगह केवल सवाल उठ रहे हैं।
उन्होंने लिखा है कि विश्वास की कमी और फिर खीझ दिखाई दे रही है। खीझ का कारण विश्वास टूटना नहीं है। खीझ इसलिए है, क्योंकि समाधान देने वाला कहीं दिखाई नहीं दे रहा है। ऐसा लगता है मानो बांध टूट चुका है और पानी अनियंत्रित होकर बहता जा रहा है।
..तो मर जाने देना मुझको
उधर, आमिर खान का मानना है कि आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए सभी राजनीतिक दल जिम्मेदार हैं और आतंकवाद केवल एके 47 से ही नहीं फैलाया जाता, बल्कि हर वह काम, जिससे आम आदमी के दिल में दहशत पैदा हो आतंक की श्रेणी में आता है और इसे रोकने के लिए जरूरी है कि आतंकियों से किसी की जान के बदले में कोई सौदा नहीं किया जाए।
आमिर ने अपने ब्लाग में लिखा है इस घटना से पहला सबक तो यह मिलता है कि हमें आतंकियों के साथ कोई सौदेबाजी नहीं करनी चाहिए। आतंकियों को यह स्पष्ट संदेश दिया जाए कि भारत आतंकियों से कोई समझौता वार्ता नहीं करेगा। इसका साफ मतलब है कि भविष्य में अगर कभी इस तरह के हालात बनते हैं कि मुझे और मेरे बच्चों को कुछ आतंकी बंधक बना लें तो मैं अपनी सरकार से यह कहने के लिए मानसिक रूप से तैयार रहूंगा कि मेरे और मेरे बच्चों की परवाह न करें और देश के व्यापक हित में आतंकियों को मार गिराएं।
आमिर ने लिखा है कि कांग्रेस और भाजपा सरकारें आतंकवाद से निपटने में पूरी तरह से नाकाम रही हैं। मुंबई पर आतंकी हमले ने कांग्रेसनीत संप्रग की अक्षमता जाहिर कर दी, जबकि भाजपा शासनकाल में इंडियन एयरलाइंस के विमान अपहरण की घटना ने सरकार को लाचार बना दिया था।
आमिर के अनुसार विमान अपहरण की घटना में बंधकों को छुड़ाने के लिए राजग सरकार ने जिन्हें रिहा किया वह तीनों खतरनाक आतंकी और पांचों अपहरणकर्ता भारत को एक बार फिर निशाना बनाने की तैयारी करने लगे। इससे पहला सबक यही मिलता है कि हमें किसी भी हालत में आतंकियों से कोई सौदा नहीं करना चाहिए।
आमिर ने लिखा है कि संकट की घड़ी में हमें संयम बनाए रखना चाहिए। उन्होंने लिखा है कि उन्होंने टीवी पर किसी को यह कहते सुना कि विरोध स्वरूप हमें टैक्स अदा नहीं करना चाहिए। आमिर के अनुसार, इससे अधिक मूर्खतापूर्ण विचार मैंने कभी नहीं सुना। अगर हम टैक्स नहीं देंगे तो हमारे पास हमारी रक्षा के लिए सेना व एनएसजी कहां होंगे। हमें तो ईमानदारी से टैक्स देना चाहिए।
उन्होंने लिखा है कि हम नेताओं से तो बड़ी उम्मीदें करते हैं, लेकिन क्या हम अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रहे हैं। अगर हम खुद भ्रष्ट हैं तो अपने राजनीतिज्ञों से ईमानदारी की उम्मीद क्यों। राजनीतिज्ञों पर आरोप लगाना ठीक नहीं है। वह किसी दूसरे ग्रह से नहीं आए हैं। वह हममें से ही हैं। हममें से आधे लोग वोट देने नहीं जाते। केवल आधे लोग ही इन राजनीतिज्ञों को चुनते हैं।
आमिर ने लिखा है कि अगर हम सचमुच व्यवस्था में बदलाव चाहते हैं तो पहले हमें खुद को बदलना होगा। हमें केवल अपने लाभ के बजाय सामूहिक लाभ के बारे में सोचना होगा। यह आत्मबलिदान का समय है। अगर हम ऐसा कर पाए तो हमारे बच्चों को बेहतर भविष्य मिल जाएगा।
उन्होंने लिखा है कि देश के युवाओं को आगे आ कर राजनीतिक दल बनाना होगा। यह वर्ग ईमानदार दृढ़ नेतृत्व देगा, जिसका हम सब समर्थन कर सकते हैं। हमें सुनिश्चित करना होगा कि आतंकी अपने इरादों में कामयाब न हों। उनका उद्देश्य नफरत फैलाना है। हम प्रेम और शांति से उनके इरादों पर पानी फेर सकते हैं। यह कमजोरी का नहीं, बल्कि शक्ति का संकेत है।
युवाओं को दी जाए सही जानकारी
बालीवुड के एक और दिग्गज सुपरस्टार शाहरुख खान ने 26 नवंबर के मुंबई के आतंकी हमले पर गहरा क्षोभ प्रकट करते हुए लोगों से धर्म को सांप्रदायिकता से अलग रखने की अपील की है।
शाहरुख ने बीबीसी एशियन नेटवर्क पर रेडिया शो कार्यक्रम में कहा कि एक मुसलमान होने के नाते मेरा मानना है कि युवावर्ग को इस्लाम को सही तरीके से समझने और उसकी इज्जत करने की जरूरत है। मैं मानता हूं कि किसी भी धर्म के साथ कोई एजेंडा नहीं जोड़ा जाना चाहिए। यह कार्यक्रम शनिवार को प्रसारित होगा।
मुंबई के आतंकी हमले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे बच्चे जिस धर्म के साथ पैदा होते हैं वह ऐसा हो जिसे भद्र आचरण के रूप में पालन किया जा सके और काम को एक अलग धर्म के रूप में विकसित किया जाना चाहिए।
जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने अब तक इस भीषण हमले पर क्यों कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तो उन्होंने कहा कि मैंने अब तक इस घटना पर कोई टिप्पणी करने से अपने आप को दूर रखा क्योंकि इस तरह की स्थिति में बताने के लिए उनके पास कोई शब्द नहीं थे। हमारी भावना बस गुस्से, अविश्वास और दुख से भरी हुई है।
No comments:
Post a Comment