यह क्या है आस्था या अन्धविश्वास या फ़िर मज़बूरी।
भगवान को फोन पर सुनाते हैं समस्याएं
यहाँ बात है अपने भारत के इंदौर शहर की है. शायद आप विश्वास नही करेगे परन्तु यह सच है.कभी अपनी मन्नत या समास्याएं दूर करने के लिए सैकड़ों मील की यात्रा करके मंदिरों तक जाया करते थे। लेकिन हाईटेक होती इस दुनिया में ईश्वर तक अपनी फरियाद पहुंचाने के लिए भक्तों ने फोन का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। यहां के जूना चिंतामन गणेश मंदिर में भक्त पत्रों के जरिए अपनी बात भगवान तक पहुंचाते ही थे, अब उन्हें फोन भी करने लगे हैं।
मान्यता है कि जूना चिंतामन के गणेश जी से मांगी गई मन्नत जरूर पूरी होती है। मंदिर के पुजारी मदन लाल पाठक ने बताया कि देश विदेश से भक्त पहले भी पत्रों में अपनी समस्याएं लिखकर भेजते रहे हैं। हम इन्हें पढ़कर गणेशजी को सुनाते हैं। जिन भक्तों की परेशानियां दूर हो जाती हैं वे धन्यवाद पत्र भी लिखते हैं। लेकिन अब उन्होंने भगवान को अपनी मुराद या परेशानी सुनाने के लिए पुजारी जी के मोबाइल पर फोन भी करना शुरू कर दिया है।
पुजारी मदन अपना मोबाइल गणेशजी के कान में लगा देते हैं और भक्त अपनी बात उनसे कह डालते हैं। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन 20 से ज्यादा भक्त फोन करते हैं।
यह क्या है आस्था या अन्धविश्वास या फ़िर मज़बूरी।
धन्यवाद्, कंप्यूटर समस्या और समाधान का अनुसरण करने के लिए.
ReplyDeleteअरे मोबाइल नम्बर तो
ReplyDeleteबता दो
प्रवीण
यह तो बड़ी विचित्र घटना है. इसको अंध विश्वास कहें या श्रधा! वाकई में यह बहुत अस्चर्या जनक बात है.
ReplyDeleteपरन्तु आपका बहुत बाहुत धन्यवाद जो ऐसी जानकारी हमें दे.
आपको बहुत बहुत धन्यवाद!
अरुण तिवारी
(इलाहाबादी)