Wednesday, March 25, 2009

जरूरी है फ‌र्स्ट एड की जानकारी


घर में पत्नी खाना बना रही हैं और अचानक उनका हाथ जल जाता है। समझ में नहीं आता कि क्या किया जाए। जल जाना, कहीं चोट लग जाना, नाक से खून बहना या करंट लग जाना। ऐसे छोटे मोटे हादसे किसी के साथ कभी भी हो सकते हैं। कई बार इन मामलों में देर भारी पड़ जाती है। इसलिए फ‌र्स्ट एड की थोड़ी जानकारी होना सभी के लिए जरूरी है।

क्या है फ‌र्स्ट एड!

फ‌र्स्ट एड, वह चिकित्सकीय मदद है जो छोटे-मोटे हादसे के बाद डाक्टरी मदद मिलने तक पीड़ित को उपलब्ध कराया जा सकता है। इसके लिए घर पर ही कुछ जरूरी दवाओं से भरी फ‌र्स्ट एड किट बनाएं। इसमें रबर के दस्ताने, कैंची, रुई, डेटाल, बैंड एड, एक क्रेप बैंड एड, थर्मामीटर और कुछ दवाएं जैसे कफ सिरप, बुखार ठीक करने की दवा, इनहेलर, सर्दी-खांसी, आंख, सिरदर्द की दवा, विटामिन की गोली, ग्लूकोस और इलेक्ट्राल वगैरह हो।

सामान्य हादसे और उनके उपचार -

1.जल जाना: जले हुए अंग पर 10 मिनट तक ठंडा पानी डालें। घाव को रुई से अच्छी तरह साफ करें जिससे संक्रमण न हो। घर में बरनाल न हो तो टूथ पेस्ट लगाना भी फायदेमंद होगा।

2.कट जाने या चोट लगने पर : घाव को पानी से धोएं जिससे गंदगी साफ हो जाए। साफ रुई को घाव पर रखें जिससे खून निकलना बंद हो जाए। बैंड एड या दवा लगाकर पट्टी करें। ध्यान रखें कि घाव पर पानी न गिरे। इससे घाव पक सकता है। चोट पर हल्दी रखी जा सकती है। इससे न सिर्फ खून बहना बंद होगा, संक्रमण से भी बचाव होगा।

3.नाक से खून बहने पर: चोट, हाई ब्लड प्रेशर या संक्रमण की वजह से ऐसा हो सकता है। पीड़ित को इस तरह बैठाएं की वह थोड़ा आगे की तरफ झुका रहे। उसे मुंह से सांस लेने को बोलें। नाक का नाजुक हिस्सा दस मिनट तक दबाएं रखें।

4.चक्कर आने पर: कमजोरी या ब्लड प्रेशर कम होने पर ऐसा हो सकता है। पीड़ित को नमक शक्कर का घोल पिलाएं। ग्लूकोज दिया जा सकता है।

5.बेहोश होने पर : बेहोश व्यक्ति को पीठ के बल इस तरह लिटाएं कि उसके पैर सिर की अपेक्षा ऊंचाई पर रहें। ऐसा करने से खून दिमाग और हृदय की ओर बहेगा। मुंह पर पानी का छींटा मारें।

6.मोच आने पर: प्रभावित हिस्से को ज्यादा हिलाएं नहीं। सूजन के लिए बर्फ को कपड़े में बांध कर सूजन वाले हिस्से पर रखें।

7.करंट लगने पर : तुरंत बिजली का मेन स्विच बंद करें। पीड़ित व्यक्ति को कंबल में लपेटें। ध्यान दें, ऐसा करते हुए आपने चप्पल पहन रखी हो और पानी से भींगे हों।

8.कीड़े, सांप, मकड़ी, कुत्तो के काटने पर: सांप के काटने पर व्यक्ति को लिटाएं, हिलने डुलने न दें। घाव को फौरन साफ पानी से धोएं। जहां सांप ने काटा हो उससे थोड़ा ऊपर कस कर कपड़ा बांधे ताकि जहर शरीर में न फैल सके। मकड़ी या किसी कीड़े के काटने पर बर्फ लगाएं। इससे सूजन नहीं होगी। पंट्टी भूल कर भी न बांधे। कुत्तो को काटने पर घाव को धोएं। फौरन डाक्टर के पास जाएं। यह जरूर जांच कराए कि कुत्तो को रेबीज तो नहीं था।

फ‌र्स्ट एड देने के बाद भी यदि पीड़ित की स्थिति बिगड़ रही हो तो फौरन डाक्टर से संपर्क करें।

यह हर्गिज करें

1.जल जाने पर घी वगैरह कभी मत लगाएं।

2.खून बहने पर ज्यादा देर तक पानी के नीचे घाव को न रखें। इससे खून तो ज्यादा बहता ही है घाव के पकने का खतरा भी हो जाता है।

3.किसी के जहर खा लेने पर उसके मुंह में अंगुली डालकर उलटी कराने की कोशिश न करें। इससे उसकी सांसें रुक सकती हैं।

1 comment:

  1. प्रथम चिकित्सा की ज्ञान दायक जानकारी प्राप्त हुई .
    धन्यवाद

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